जैसा कि वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत महत्व है | प्रकर्ति को नियंत्रित करने के लिए चारों दिशाओं, पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, धरती और आकाश इनसभी के बीच परस्पर सम्बन्ध होता है | जिसका पूरा-पूरा प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है |
इन सभी चीज़ों का आपस में संपर्क वास्तु शाश्त्र कहलाता है | अगर इसका प्रभाव सही नहीं रहा तो इसका अर्थ यह होता है कि आपके जीवन में वास्तु दोष है | जिसका असर आपके लिए अच्छा नहीं और आपको इसकाउपाय करना चाहिए |
आप उस दिशा के वास्तु दोष का कारण जानना चाहते हैं, जिसके कारण घर में कलह हो सकता है | तो आज हम आपको आप
वास्तु दोष और उससे ख़त्म करने के उपाय के बारें में आपको बताते हैं |
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जब भी आप घर बनाते हैं, तो इसका अर्थ होता है कि आपके घर का हर कोना अलग-अलग वास्तु स्थान रखता है | घर में उत्तर-पूर्व दिशा घर का सुख स्थान या ब्रह्म स्थान कहते हैं | अगर दिशा के हिसाब से नाम दिया जाए तोउत्तर-पूर्ण दिशा को ईशान कोण कहा जाता है |
कारण :-
- अगर आपके घर में इंसान कोण वाली जगह में वाशरूम या स्टोररूम हो तो यह ग़लत होता है |
- ईशान कोण वाली जगह में कोई भारी चीज़ रखना भी सही नहीं |
- ईशान कोण में अगर किसी प्रकार की गंदगी होती है तो भी यह घर में कलह का कारण होता है |
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उपाय :-
- घर में कलह को कम करने के लिए घर के सुख स्थान में हमेशा सफाई रखें |
- उस जगह में कुछ न बनाएं उसको खली रहने दें |
- वास्तु दोष निवारण यन्त्र लगाना चाहिए |
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