Chef at Hotel Radisson | Posted on | News-Current-Topics
System Analyst (Wipro) | Posted on
कृष्णा कोहली बनीं पाकिस्तान की सीनेटर, चुनाव जीतने वाली पहली हिंदू दलित महिला है | उन्हें पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने सिंध क्षेत्र से टिकट दिया था । इस जीत के बाद सोशल मीडिया पर कृष्णा को बधाई देने का दौर शुरू हो गया है ।
पाकिस्तान के जाने माने पत्रकार हामिद ने ट्वीट किया, गरीब हिंदू महिला सीनेटर चुनी गईं। वह यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली दलित हिंदू महिला हैं। इसका श्रेय बिलावल भुट्टो को जाता है ।
देश की सीनेट में चुने जाने पर कृष्णा कुमार ने अपनी भावनाएं ज़ाहिर करते हुए कहा कि इतनी ख़ुशी हुई है कि इसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता | उनका कहना था कि उन्हें यह सब कुछ सपनों सा लग रहा है और वह कभी सोच भी नहीं सकती थीं कि वह सीनेटर के लिए चुनी जाएंगी | उनका कहना था, "मुझे अभी तक यक़ीन नहीं आ रहा है"
कृष्णा कोहली ने कहा कि शिक्षा हासिल करने के बाद उनकी ये सोच थी कि उन्हें कोई अच्छी नौकरी मिल जाएगी और वह अपने समुदाय की कुछ सेवा कर सकेंगी | उन्होंने एम.ए. किया है और सामाजिक सेवा करती रहती हैं | उन्होंने कहा कि राजनीति में आने के बारे में जब भी वह सोचती थीं तो उन्हें यह ही ख़याल आता था कि कभी मौका मिला तो प्रांत की विधानसभा के लिए चुनाव लड़कर अपने इलाक़े के पिछड़े और ग़रीब लोगों के लिए कुछ करेंगी |
कृष्णा का परिवार थरपारकर इलाके के एक गांव में रहता था। उनके दादा रूपलो कोहली ने 1857 की लड़ाई में अंग्रेजों के खिलाफ जंग लड़ी लेकिन कुछ महीने बाद उन्हें फांसी दे दी गई । वहीं कृष्णा के पिता जुगनू कोहली मजदूरी करते थे और एक बार तो उनके पूरे परिवार को तीन साल तक जमींदार की कैद में रहना पड़ा । 16 साल की उम्र में ही कृष्णा की शादी कर दी गई । हालांकि उनके पति ने उन्हें आगे पढ़ने में मदद की । उन्होंने सिंध यूनिवर्सिटी से समाजसेवा में मास्टर डिग्री हासिल की और बाद में समाजसेवा में जुट गईं ।
0 Comment