इस वक्त सारे देश में यही सवाल उठ रहा है की 2019 के चुनाव में क्या होगा? कौन सी पार्टी जीतेगी और कौन सत्ता में आएगा? वैसे देखा जाए तो अब वो दिन दूर नहीं जब इलेक्शन कमीशन चुनाव की घोषणा कर दे और इसी लिए सारे दल अभी से चुनाव की तैयारियों में जुट गए है। अभी भी देश के वोटरों का एक बड़ा हिस्सा भाजपा की फेवर करते दीख रहा है, वहीं पिछले विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। स्थानिय दल भी कहीं ना कहीं इस स्पर्धा में शामिल है। इसी के चलते ये चुनाव काफी महत्वपूर्ण दीख रहा है।
सौजन्य: पत्रिका
भाजपा: अगर विशेषज्ञों की मानी जाए तो पिछले चुनाव के मुकाबले ये चुनाव इस पार्टी के लिए मुश्किल साबित हो सकता है। अधूरे वादे, नोटबॅंधी, किसानो की नाराजगी, आरक्षण, और भ्रष्टाचार के मद्दे नजर इस पार्टी को हार का सामना भी करना पड़ सकता है।
कांग्रेस: प्रियंका गाँधी को इलेक्शन में लाकर अभी ये पार्टी काफी उत्साह में है पर वोटर उस के उम्मीदवार पर मुहर लगाएंगे की नहीं ये कहना अभी मुश्किल है।
स्थानीय दल: इन पार्टीयो का दबदबा कुछ हद तक अपने राज्य तक सिमित रह जाता है और राष्ट्रीय राजनीती पर ज्यादा प्रभाव दिखा नहीं सकती।
इस बार का चुनाव सबसे ज्यादा फ़ायदा या नुक्सान सिर्फ भाजपा को ही कर सकता है ऐसा कहा जा सकता है।