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Delhi Press | Posted on
भगवान श्रीकृष्ण ने कर्ण अंतिम संस्कार किया वो भी अपने हाथों में जबकि महाभारत में कर्ण पांडवों के खिलाफ था और भगवान कृष्णा पड़ावों के साथ । सिर्फ इतना ही नहीं कर्ण को कैसे मारा जा सकता है यह भी अर्जुन को भगवान कृष्णा ने बताया था । कर्ण कौन थे ये सभी लोग जानते हैं जो लोग नहीं जानते उन्हें बता देते हैं कर्ण कुंती और सूर्य का पुत्र था । जो कि कुंती के विवाह के पहले हुआ था इसलिए उसको समाज में सम्मान नहीं मिला । समाज में कर्ण को सूत पुत्र कहा जाता था ।
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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | Posted on
हमारे शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने कर्ण के अंतिम समय में कर्ण से दान मांगा था।जिसमें कर्ण अपना एक सोने का दांत भगवान कृष्ण को दिया था और भगवान ने प्रसन्न होकर उससे एक वरदान मांगने को कहा। तो कर्ण ने भगवान श्री कृष्ण से अपने अंतिम संस्कार करने की इच्छा प्रकट की और कहा कि मेरा अंतिम संस्कार वहां करिएगा जहां कोई पाप ना हुआ हो। इसीलिए भगवान श्री कृष्ण को अपने हाथों द्वारा कर्ण का अंतिम संस्कार करना पड़ा।
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चलिए चर्चा करते हैं कि भगवान श्री कृष्ण ने कर्ण का अंतिम संस्कार क्यों किया था? कर्ण कुंती के पुत्र थे लेकिन उनका जन्म कुंती के विवाह के पहले ही हो गया था जिस वजह से उन्हें समाज में सम्मान नहीं मिल पाया लोग उन्हें सूत पुत्र के नाम से पुकारते थे। कर्ण पांडवों के भाई थे लेकिन उन्होंने महाभारत के युद्ध में अपने भाइयों के खिलाफ होकर युद्ध किया था जिस वजह से भगवान श्री कृष्ण ने छल से कर्ण को युद्ध में हरा दिया था तथा कर्ण ने भगवान श्रीकृष्ण से वरदान मांगा था कि उनका अंतिम संस्कार ऐसी जगह पर किया जाए जहां पर पाप ना हुआ हो इसलिए भगवान श्री कृष्ण ने कर्ण का अंतिम संस्कार किया था।
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