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कार्तिक मास के अमावस्या की रात मे लक्ष्मी धरती लोक पर आयी तो माँ लक्ष्मी क़ो उल्लू ने सबसे पहले देखा और उल्लू सभी पशु पक्षियों से पहले माँ लक्ष्मी के पास चला गया क्योंकि उल्लू को रात में ज्यादा दिखाई देता है,उल्लू के इन गुणों क़ो देखकर माँ लक्ष्मी प्रसन्न हो गयी और माँ लक्ष्मी ने उल्लू क़ो अपने वाहन के रूप चुना और हमेशा के लिए माँ लक्ष्मी ने उल्लू क़ो अपना वाहन बना लिया और उन्हें पृथ्वी लोक पर कही आना -जाना रहता था तो वह उल्लू के ऊपर ही बैठकर जाती थी।
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माता लक्ष्मी ने उल्लू को ही क्यों बनाया अपना वाहन किसी और पक्षी या जानवर को क्यों नहीं बनाया चलिए जानते हैं उल्लू के बारे में कुछ रोचक बातें। कुल्लू में ऐसे बहुत से गुण पाए जाते हैं जो किसी भी सामान्य हैं जीव जंतु में नहीं पाए जाते ऐसी मान्यता है कि जब कोई भी सामान्य जीव या मनुष्य किसी चीज को नहीं देख सकता उस चीज को उल्लू देख सकता है बताया जाता है कि जब सृष्टि की रचना होने के बाद पृथ्वी पर देवी देवता आए तो सभी जीव जंतु देवी देवताओं के पास आए और उनसे उनका वाहन बनने के लिए आग्रह करने लगे तभी सभी जीव जंतुओं में होड़ मच गई तब माता लक्ष्मी ने सभी को शांत करवाया और इस समस्या का समाधान बताया कि मैं हर वर्ष कार्तिक मास के दिन पृथ्वी पर आऊंगी और फिर अपना वाहन चुनूँगी और फिर कार्तिक अमावस्या का दिन आया तभी माता लक्ष्मी ने पृथ्वी पर कदम रखा तभी सभी जीव जंतु देवी-देवताओं की निगरानी कर रहे थे तब माता लक्ष्मी देर अंधेरी रात में आई और उन्हें कोई भी जीव जंतु नहीं देख पा रहा था लेकिन उल्लू अपनी तीव्र नजरों से उन्हें देख लिया और उनके पास जाकर कहने लगा माता लक्ष्मी आप मुझे अपना वाहन स्वीकार करिए तभी से माता लक्ष्मी ने उल्लू को अपना वाहन स्वीकार किया।
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