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दोस्तों अपने बड़े बुजुर्गों के मुंह से ओम का उच्चारण करते तो सुना ही होगा। ओम का उच्चारण अभी से नहीं बल्कि अनंत काल से ही किया जा रहा है यहां तक की हिंदू धर्म में किसी भी मंत्र के पहले ओम शब्द बोला जाता है ओम का जाप करने से शारीरिक और मानसिक शांति प्राप्त होती है। ओम में पूरा ब्रह्मांड समय हुआ है ओम तीन शब्दों से मिलकर बना है ओम का उच्चारण करने से बहुत से फायदे होते हैं यदि कोई नियमित रूप से ओम का जाप करता है तो उसकी एकाग्रता और संस्मरण शक्ति तेज होती है ओम का जाप करने से तनाव और अनिद्रा जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलती है ओम का जाप करने से पेट और रक्तचाप जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलती है जो इंसान ओम का जाप करता है उसे सकारात्मकता ऊर्जा और शांति मिलती है।
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आइए जानते हैं कि ओम शब्द का उच्चारण करने से क्या होता है। तो सबसे पहले हम आपको जानकारी देते हैं कि ओम तीन शब्दों से मिलकर बना होता है। (अ, उ, म ) ॐ शब्द केवल एक मंत्र का उच्चारण नहीं है बल्कि ओम को अनंत ध्वनि का प्रतीक भी माना जाता है। ओम शब्द का उच्चारण करने से इसका प्रथम शब्द अ निकलता है और इसके उच्चारण से नाभि पर जोर पड़ता है जो हमारी रचना को दर्शाता है।ॐ शब्द का उच्चारण करने से हमारे मन को शांति मिलती है। इसलिए ॐ शब्द एक पवित्र शब्द है।
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हम आपको बता रहे कि लोग आखिर ओम का उच्चारण करते क्यों है ओम का उच्चारण करने से शरीर और मानसिक रूप से शांति की प्राप्ति होती है और ओम का उच्चारण करने से हमारे आसपास के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है तथा नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है जिसके कारण लोग ध्यान पूर्वक ओम का उच्चारण का जाप करते हैं और सकारात्मक शक्ति ऊर्जा प्राप्त करते हैं। ओम का उच्चारण करने से रक्तचाप और पेट से संबंधित समस्याओं को भी लाभ मिलता है इसीलिए रोजाना ही सबको एककांत में बैठकर ओम का उच्चारण करना चाहिए.।
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ॐ क़ो सिर्फ एक पवित्र ध्वनि ही नहीं मानते बल्कि ॐ क़ो अनन्त ध्वनि का प्रतीक भी माना जाता है।ॐ (ओमय) तीन शब्दो(अ, उ,म )मे मिलकर बना है, अ शब्द का अर्थ उत्पन्न होना है तथा उ शब्द का अर्थ यह है कि उठना यानि विकसित होना, म शब्द अर्थ है कि लीन हो जाना।
ॐ शब्द का उच्चारण करने से शरीर मे स्पन्दन और ध्वनि पैदा होती है, यदि पुरे तन, मन, ध्यान लगाकर ॐ शब्द का उच्चारण करने से शरीर मे जो भी कष्ट होते है, वह निकलकर बाहर आ जाते है। तथा ॐ का उच्चारण करने से सामंजस्य, समरसता तथा तारतम्यता स्थापित करने में सक्षम होती है।
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