हाल ही मे मोदी सरकार ने मंत्रियों की गाड़ियों से लाल बत्ती हटवा कर VVIP प्रथा को खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया। लेकिन फिर भी VVIP प्रथा कितनी खत्म हुई है ये बताने की आवश्यकता नहीं है। भारत में जहां आम इंसान के लिए नियम अलग है वहीं माननीय लोगों के लिए इसमें कई बदलाव है और कोई नियम नहीं । जैसे आपने पूछा की भारत के राष्ट्रपति की गाड़ीमें नंबर प्लेट क्यों नहीं होती | देश के राष्ट्रपति के लिए ये कानून कुछ अलग है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति के पास 14 ऐसी गाड़ियां होती हैं, जिन पर नंबर प्लेट नहीं लगी होती।
क्या है नम्बर प्लेट का कानून :-
दरअसल किसी भी गाड़ी को सड़क पर चलाने के लिए सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन की जरूरत होती है, जिसे सरकार की तरफ से जारी किया जाता है। इसे RC भी कहा जाता है। यही रजिस्ट्रेशन नंबर आपकी गाड़ी के नम्बर प्लेट पर लिखा होता है। यह रजिस्ट्रेशन नम्बर दिल्ली में DL, चंडीगढ़ में CH, उत्तर प्रदेश में UP, उत्तराखंड में UK, पंजाब में PB और बिहार में BR से शुरू होता है। किसी भी आम आदमी की गाड़ी का रजिस्ट्रेशन 15 साल के लिए मान्य होता है। रजिस्ट्रेशन नंबर के बिना कोई भी गाड़ी सड़क पर नही चल सकती।
राष्ट्रपति की कार पर नंबर प्लेट क्यों नही लगा होता :-
आपको बता दे कि भारत के किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश से गाड़ी खरीदने पर उसका रजिस्ट्रेशन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मान्य होता है। लेकिन, अपने जिस राज्य से गाड़ी खरीदी है उस राज्य को छोड़कर किसी और राज्य में उसे 12 महीने से ज्यादा समय से चला रहे है तो आपको उसी राज्य में अपनी गाड़ी का फिर से रजिस्ट्रेशन कराना होता है ।
ब्रिटिश सिस्टम के मुताबिक ‘किंग कैन डू नो रॉन्ग’ यानि एक राजा कभी भी गलत नहीं कर सकता। इसी वजह से राष्ट्रपति व अन्य माननीयों की गाड़ियों पर रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं होता। यही वजह है कि राष्ट्रपति की कार पर नंबर प्लेट नही होता है। ब्रिटिश सिस्टम को मानते हुए राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल सहित तमाम वीवीआइपी की कारों पर नंबर प्लेट नहीं लगाया जाता है। लेकिन हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस संबंध में दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर इन गाड़ियों पर भी नम्बर प्लेट लगाने की मांग की है।