अमेरिकन हमेशा चीन पर वायरस फैलाने का आरोप लगाता रहा है अमेरिका का कहना है कि वायरस चीन के वुहान की प्रयोगशाला में बना है. अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी इस मामले में चीन का साथ देने का आरोप लगाया है और अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस बात को लेकर स्पष्ट कर दिया है कि वायरस चीन के वुहान से ही फैला है मगर यह नहीं कहा जा सकता कि कोरोना वायरस वुहान की प्रयोगशाला मे बना है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के फूड सेफ्टी जूनॉटिक वायरस एक्सपर्ट डॉ. पीटर बेन ऐंबरेक ने बताया कि इस वायरस को फैलाने में चीन के वुहान मार्केट की भूमिका है लेकिन अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि ये वुहान का मार्केट ही इस वायरस की जड़ है या फिर यहां से पहले भी कही और ये संक्रमण दिखाई दिया था। उन्होंने ये भी कहा कि अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि इस वायरस को जिंदा जानवर या दुकानदार या फिर खरीदार इनमें से कौन उस मार्केट तक लेकर आया. चीन के पास सभी संसाधन है जिसकी मदद से वो इस वायरस की जड़ तक पहुंच सकता है. मेरा मानना है कि अभी देर नहीं हुई है चीन चाहे तो वो रिसर्च कर सकता है क्योंकि उससे पास सब कुछ मौजूद है....
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अभी इस वायरस को लेकर किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता है अभी कुछ समय लगेगा इससे पहले एक वर्ष का समय लग गया था कि मर्स (मिडिल ईस्ट रेसिपिरेटरी सिंड्रोम) का सोर्स ऊंट है. इसी प्रकार कोरोना के मामले में अभी भी देर नहीं हुई है. हमारे लिए अभी सबसे अधिक जरूरी इस वायरस का प्रसार रोकना है. मर्स वायरस 2012 में सऊदी अरब में पैदा हुआ था और मिडिल ईस्ट में फैल गया था.
क्या वायरस मानव निर्मित है या प्रकृति की देन है
इसको लेकर आज हर कोई सवाल विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य वैज्ञानिक संगठनों से लोग जवाब चाहते हैं. और यह जवाब जरूरी भी है इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन में आपात मामलों के निदेशक माइकल रेयान ने कोरोना वायरस के रहस्य को लेकर कहा कि हमें इस बात का पूरा विश्वास है कि ये वायरस प्राकृतिक रूप से पैदा हुआ है. उन्होंने कहा था कि डब्ल्यूएचओ की टीम लगातार उन सभी वैज्ञानिकों से बात कर रही हैं जिन्होंने इस वायरस के जीन सीक्वेंस को देखा है.
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