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हरित लवक: जिस लवक में पर्णहरित वर्णक होता है उसे हरित लवक कहते हैं।इनके कारण पत्तियों का हरा रंग होता है। जिससे पेड़ पौधे प्रकाश संश्लेषण एक क्रिया द्वारा भोजन बनाते हैं।
हरित लवक दोहरी झिल्ली मैं परिवद्ध कोशिकांग है। हरित लवक ऐसा कोशिकांग है सौर ऊर्जा यानी प्रकाशीय ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में बदलता है। हरित लवक केवल सुख केंद्रीय पादप कोशिकाओं में और शैवाली कोशिकाओं में पाए जाते हैं।माना जाता है कि नील हरित शैवाल नाम के जीवाणु से हरित लवक का विकास हुआ।
हरित लवक के कार्य: हरित लवक प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा कार्बोहाइड्रेट का निर्माण करते हैं। इनमें ग्लूकोस से मंड प्रोटीन,वसा विटामिन हारमोंस आदि का निर्माण भी होता है।
- जल का आयनिकरण एवं CO2 अपचयन के लिए NADPH +H+ की उपलब्धि कराना हरित लवक का ही कार्य है।
- प्रकाश संश्लेषण की अभिक्रिया फास्कोरिलेशन व हिल अभिक्रिया कोंटासोमो में होती है। हाइड्रोजन का स्थानांतरण स्ट्रोमा में होता है।
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हरितलवक या क्लोरोप्लास्ट :- क्लोरोप्लास्ट वे कोशिकांग होते है जहाँ पर संश्लेषण की क्रिया संपन्न होती है। क्लोरोप्लास्ट मुख़्तय: पतियों के मिजोफिल कोशिकांग मे पाया जाता है, यह अंडाकार, गोलाकार तथा चक्रिय भी हो सकता है। प्रत्येक क्लोरोप्लास्ट दो झिल्लीयों से मिलकर बना होता है लाइपो प्रोटीन की बनी होती है, बिजली को आउट मेंब्रेन तथा तथा प्रत्येक झिल्ली की मोटाई 40-60A होती है दोनों झिलियो के बीच में जो स्थान पाया जाता है periplasmic space कहते है। इसमें प्रमुख दो सरचनाएँ पायी जाती है -
1. स्टोमा
2. मैट्रिक्स
हरित लवक के कार्य :- हरितलवक के मुख्य कार्य निम्नलिखित है :-
1.क्लोरोप्लास्ट प्रकाश संश्लेषण क्रिया के समय वातावरण कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण करते हैं तथा अपने अंदर H2O(जल ) प्रकाश रासायनिक अपघटन करके ऑक्सीजन गैस मुक्त करते हैं जोकि जीवो के श्वसन करने मे काम आते है।
2. प्रकाश संश्लेषण की क्रिया प्रकाश अभिक्रिया के समय इसमें ADP फास्फोर्यलेशन से ATP का निर्माण करते है इसी समय NADP से NDPH2 का निर्माण होता है। ये ATP एवं NADP अंधकार अभिक्रिया मे कार्बन डाइऑक्साइड के अपचयन के काम आता है।
3.क्लोरोप्लास्ट हरे रंग का वर्णक होता है,अत: यह पतियों को हरा रंग प्रदान करता है।
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