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हमारे शरीर में रक्त लगातार हर्दय की और जाता है और अंगो के पास वापिस आता है इसे परिसंचरण कहते है। पर इसके अतिरिक्त एक और परिसंचरण तंत्र है जो बन्द वाहिनियों का परिसंचरण तंत्र कहलाता है इसेलसिक तंत्र कहते है। लसीका एक स्वच्छ तरल है जो रक्त कोशिकाओं से बाहर आ जाता हैं और सभी ऊतक गुहाओ को गिला रखता है। लसिका का निर्माण अंतराकोशिकीय स्थान में होता है। लसिका तंत्र प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा है। यह शरीर में तरल पदार्थ के स्तर को संतुलित रखता है और शरीर को संक्रमणों से बचाता है। लसीका , ऊतक, अंग और ग्रंथिया सब मिल कर शरीर से पानी जैसे तरल पदार्थ को बाहर निकालने के लिए एक साथ काम करती हैं ।रक्त और लसिका मे अंतर है। रक्त लाल रक्त कोशिकाओं, श्वेत रक्त कोशिकाओं , और प्लेटलेट्स और प्लाज़मा नामक तरल पदार्थ से बना होता है जबकि लसिका श्वेत रक्त कोशिकाओं और पानी जैसे तरल पदार्थ से बनी होती हैं।
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लसिक रुधिर वाहिनियों तथा ऊतकों के मध्य खाली स्थान में एक रंगहीन तरह स्वच्छ पदार्थ के रूप में पाया जाता है मनुष्य के शुद्ध अशुद्ध रक्त अलग-अलग प्रवाहित होते हैं कोशिकाओं का पोषक तत्व गैस हामोन्स तथा एंजाइम्स आदि को पहुंचाने का काम करता है तब उसका (रुधिर रस) कुछ भौतिक रासायनिक शारीरिक प्रतिक्रियाओं के द्वारा कोशिकाओं की पतली दीवारों छनकर बाहर जाता है लसीक का शरीरस्थ अधिष्ठान लसिक तंत्र कहलाता है लसिक निर्माण अंतर कोशिका स्थान में होता है जो बंद वाहिनी वाहिनियों का परिसचरण करती है शरीर को संक्रमण से बचाती है ये कोशिका के सदुश केवल एक स्तर से होती है लसिक तंत्र प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा है हमारे शरीर का रक्त लगातार हृदय की ओर जाता है लसिका तंत्र मुख्य भूमि सूक्ष्म जीवो में जीवो के खिलाफ एक फिल्टर के रूप में कार्य करना इस पानी में छोटे-छोटे पदार्थ पाए जाते हैं लसिक तंत्र इसमें कम कैल्शियम कुछ रक्त कम प्रोटीन पोटेशियम कुछ ग्लूकोस है
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लसीका रुधिर वाहिनियो तथा ऊतकों के मध्य खाली स्थान मैं एक रंगहीन स्वच्छ तरल पदार्थ के रूप में पाया जाता है। रुधिर प्लाज्मा रुधिर केशिकाय की पतली दीवार से छानकार ऊतक कोशिकाओं के संपर्क में आ जाता है इस छने हुए द्रव को लसीका कहते हैं। लसीका एक तरल स्वच्छ है जो कोशिका से बाहर आ जाता है। और सभी ऊतक गुहाओ गीला रखता है। लसीका में रुधिर कणिकाएं नहीं पाए जाते है।लसिका में WBCs अधिक पाया जाता है।इस समय ऑक्सीजन तथा पोषक पदार्थ की मात्रा अपेक्षाकृत कम होती है इसमें Co तथा उत्सर्जी पदार्थ की मात्रा अधिक होती है। लसीका अंगों व लसीका ग्रंथियां में लिंफोसाइट का निर्माण होता है।जो जीवाणुओं को भक्षण करते हैं। यह कोमल अंगों की रक्षा करने तथा उन्हें रगड़ से बचाने में मदद करता है। कोशिकाओं तक पोषक तत्व गैस हारमोंस तथा एंजाइम्स आदि को पहुंचाने का कार्य करता है।
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दोस्तों आप सभी ने बचपन से लेकर कक्षा 12 तक लसिका तंत्र के बारे में तो पढ़ा ही होगा तो आपको तो मालूम होगा ही की लसिका तंत्र क्या होता है और जिन लोगों को मालूम नहीं है तो चलिए हम उनको बताते हैं कि आखिर लसिका तंत्र होता क्या है।
लसीका रुधिर वाहिनियों तथा ऊतकों के मध्य खाली स्थान में एक रंगहीन तरल स्वच्छ पदार्थ के रूप में पाया जाता है, रुधिर प्लाज्मा रुधिर कोशिका को छानकर एक पतली परत बनता है जिसे हम लसीका कहते हैं। हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लसीका में रुधिर कणिकाएं नहीं पाई जाती, इसके अलावा लसीका में WBCs अधिक पाया जाता है। लेकिन उसे समय ऑक्सीजन और पोषक पदार्थ की मात्रा बहुत ही कम पाई जाती है। लसीका अंगों या लसीका ग्रंथियां में लिंफोसाइट का निर्माण होता रहता है।
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