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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | Posted on
* भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के अनुसार,: हमारे भारत के राष्ट्रपति को लगता है कि बाहरी आक्रमण या सशस्त्र आतंक के कारण भारत की सुरक्षा बल को खतरा है तो राष्ट्रपति पूरे भारत या किसी एक जगह में आपातकाल की घोषणा जारी कर सकते हैं।और अगर खतरा नही है तो आपातकाल की घोषणा राष्ट्रपति द्वारा रद्द की जा सकती है! हमारेे देश मे अपने तारीके से अपना जीवन यापन कर सक् ते है
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भारतीय संविधान मे अनुछेद 352 के अनुसार अगर राष्ट्रपति को लगता हैं की देश मे बहरी आक्रमण या सशत्र विद्रोह जैसी परिस्थिति बन रही है तो वह अनुछेद 352 का प्रयोग करते हुए पूरे देश मे या देश के किसी एक हिस्से में आपातकाल की घोषणा कर सकता हैं । बाद मे राष्ट्रपति के द्वारा आपातकाल की घोषणा को रद्द भी किया जा सकता है। राष्ट्रपति कभी भी अपने अधिकारों का प्रयोग कर सकता हैं।
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भारत के सविधान के अनुच्छेद - 352 के अनुसार राष्ट्रीय आपात का वर्णन किया गया है। इस अनुच्छेद के अंतर्गत अगर भारत की सुरक्षा को किसी भी तरह का खतरा महसूस होता है तो भारत के राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपातकाल लगाने का पूरा अधिकार है। राष्ट्रीय आपातकाल एक अस्थाई स्थिति होती है इसे लगाने के बाद कभी भी इसे राष्ट्रपति द्वारा हटाया जा सकता है। सरस्वती को अगर अपने देश में राष्ट्रीय आपातकाल लगाना है तो उसे पहले कैबिनेट से परमिशन लेनी होगी और अनुमति लेनी होगी और बढती लेने के बाद ही राष्ट्रपति सबकी सहमति के बाद ही राष्ट्रपति द्वारा आपातकाल की घोषणा की जा सकती है। अगर भारत को सशस्त्र विद्रोह के कारण किसी भी तरह का खतरा होता है तो राष्ट्रपति आपातकाल घोषित कर सकता है। अगर राष्ट्रपति को आपातकाल लगाना है तो उसे कैबिनेट से अनुमति लेने के बाद आश्वासन दिया जाता है कि आपके एप्लीकेशन को प्रशासन से अनुमति मिल गई है अब वो राष्ट्रपति आपातकाल घोषित कर सकता है। 44 वें संविधान संशोधन अधिनियम 1978 के अंतर्गत सशस्त्र विद्रोह का वर्णन किया गया है जिसका अर्थ यह है कि अगर भारत को सशस्त्र विद्रोह के कारण खतरा है या आंतरिक खतरा है तो राष्ट्रपति आपातकाल घोषित कर सकता है।
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