सास बहू मंदिर कहां स्थित है? - letsdiskuss
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Krishna Patel

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सास बहू मंदिर कहां स्थित है?


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दोस्तों अपने सास बहू के मंदिर के बारे में सुना ही होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि सास बहू का मंदिर कहाँ है यदि आपको नहीं पता तो हम आपको बताएंगे। तो Letsdiskussसास बहू का मंदिर मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में स्थित है इस मंदिर में शानदार मूर्तिकला के नमूने देखने को मिलेंगे सास बहू के मंदिर के मध्य में एक वक्राकार प्रकोष्ठ भी है सास बहू का मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और इस मंदिर का निर्माण 1093 में हुआ था।


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सास बहू मंदिर मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में बना हुआ है लेकिन इस मंदिर का असली नाम सहस्त्रबाहु है। मंदिर का परिसर 32 मीटर लंबा और 22 मीटर चौड़ा है।इस मंदिर का निर्माण कछवाहा वंश के शासक महिपाल ने करवाया था। इतिहास के पन्नों में पढ़ने को मिलता है कि उन्होंने इस मंदिर का निर्माण अपनी पत्नी और बहू के लिए करवाया था इसलिए इस मंदिर का नाम सास बहू मंदिर पड़ा। यह मंदिर राजस्थान का सबसे प्राचीन मंदिर में से एक है।इस मंदिर में कोई पूजा पाठ नहीं होती।लेकिन इस मंदिर को देखने के लिए लाखों की संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं।Letsdiskuss

और पढ़े- विश्व का सबसे विशाल मंदिर कौन सा है?


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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | Posted on


चलिए आज हम जानते हैं कि सास बहू का मंदिर कहां स्थित है।सहस्रबाहु मंदिर हमारे भारत के मध्य प्रदेश के एक राज्य ग्वालियर क्षेत्र में स्थित है।यह मंदिर लगभग 11वीं शताब्दी में निर्मित एक हिन्दू मंदिर है।यह सास बहू का मंदिर विष्णु के पद्मनाभ रूप को समर्पित है। जो ग्वालियर के किले के पास में ही स्थित है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर और आकर्षित है। जहां लोग घूमने भी जाते हैं।Letsdiskuss


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आज हम आपको इस आर्टिकल में बताते हैं की सास बहू का मंदिर कहां स्थित है भारत के मध्य प्रदेश राज्य में ग्वालियर क्षेत्र मैं सास बहू का मंदिर स्थित है यह मंदिर लगभग 11वीं शताब्दी निर्मित में एक हिंदू मंदिर है यह सास बहू का मंदिर विष्णु पद्धनाथ को समर्पित है। यह मंदिर बहुत ही सुंदर और आकर्षित है यहां लोग घूमने भी जाते हैं लेकिन इस मंदिर को देखने के लिए लाखों की संख्या लोग इकट्ठा होते हैं। इतिहास के पन्नों में पढ़ने को मिलता है कि बनाना इस मंदिर का निर्माण अपनी पत्नी और बहू के लिए करवाया था इसलिए इस मंदिर का नाम सास बहू मंदिर है इस मंदिर में कोई पूजा पाठ नहीं होती है इस मंदिर में शानदार मूर्ति कला के नमूने देखने को मिलेंगे।Letsdiskuss


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